होली कब मनाई जाती हैं, निबन्ध 2022 । Essay on holi in hindi

होली कब मनाई जाती हैं, निबन्ध 2022 । Essay on holi in hindi. 


Essay on holi in hindi.

Essay on holi in hindi. भारत जैसे देशों में हर रोज त्यौहार मनाये जाते है । हर तिथि को प्राथमिकता देते हुए उन दिन होने पर्व/त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है । होली ( holi ) भी उनमें से एक है । होली को रंगों का त्यौहार कहा जाता है । 

हिंदी महीनों के अनुसार यह प्रति वर्ष फल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है । अंग्रेजी महीनों के अनुसार यह मास आमतौर पर फरवरी/मार्च में पड़ता है । हिन्दू शास्त्रों में होली मनाने के पीछे कई धारणाए जुड़ी हुई है । इस दिन होलिका दहन किया जाता है । तो चलिए जानते है होली क्यो मनाई जाती हैं, निबन्ध । Essay on holi in hindi.

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होली कब मनाई जाती हैं, निबन्ध । Essay on holi in hindi.

प्रस्तावना - यह होली का पर्व भारत में हिंदू धर्म का राष्ट्रीय त्योहार है । यह त्योहार फाल्गुन मास के पूर्णिमा के दिन बसंत ॠतु में हर साल बडे़ धूमधाम के साथ मनाया जाता है । यह त्योहार आपसी प्रेम भाईचारा का पर्व है, जो हम भारत के समस्त जाति एबं धर्म के लोग बड़े शौक से एक होकर  त्योहार मनातें हैं । होली का पर्व दो दिन का होता है, एक पहला दिन होलिका दहन होता है और दूसरा दिन धुरेडी़ जो विभिन्न प्रकार के रंगों के साथ उत्सव मनाया जाता है ।

होली की पौराणिक कथा -

हिन्दू धर्म के शास्त्र के अनुसार हिरणाकश्यप नाम से एक बहुत बलशाली राक्षस था जो अपने बल पर तीनों लोकों पर उसका अधिकार था । वह स्वयं अपने को भगवान मानता था, और विरोध करने वाले व्यक्ति को मृत्यु दंड की सजा भी देता था । हिरणाकश्यप भगवान विष्णु को अपना परम शत्रु मानता था ।

हिरणाकश्यप का पुत्र प्रहलाद बचपन से ही विष्णु भगवान का परम भक्त था, जो हमेशा उनके नाम का स्मरणात करता था । जब हिरणा कश्यप को इस बात की पता चला तो तब उसने अपने पुत्र को समझाने का प्रयास किया, किन्तु प्रहलाद नहीं माना इसलिये हिरणाकश्यप ने उसे मारने का बहुत प्रयत्न किया किन्तु प्रहलाद विष्णु कृपा से हर समय सुरक्षित था । इसी बीच हिरणाकश्यप ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी । 

होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह कभी भी आग में भस्म नहीं हो सकती । इसलिये होलिका अपने भाई की बात मानकर भक्त प्रहलाद को अपने गोदी में लेकर जलती हुई चिता मे लेकर बैठ गई । किन्तु फिर भी विष्णु की कृपा से भक्त प्रहलाद  की रक्षा  हुई और अग्नि से बाहर निकल आये और होलिका जल कर भस्म हो गई उसी दिन से होली का त्योहार पूरे भारत वर्ष में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है ।

होली का पहला दिन - होली का पहला दिन होलिका दहन कहलाता है फाल्गुन पूर्णिमा को शाम के समय चौगान, चौराहा, खेतों या मैदानों में लकड़ी, गोबर की उपली एकत्र करके होलिका दहन किया जाता है और जलती हुई होली को देख कर लोग अग्नि की पूजा करतें हैं और अपने अंदर के सभी बुराइयों को समाप्त होने की  प्रार्थना करतें हैं और विभिन्न प्रकार के वाद्ययंत्रों के साथ फाग गीत गाकर खुशियाँ मनातें हैं, होलिका दहन समस्त बुराई  को अंत करने का मुख्य त्योहार है । आज का दिन बुराइयों पर अच्छाइयां का विजय पाने का इस त्योहार को सूचक माना जाता है ।

होली का दूसरा दिन - होली के दूसरे दिन एक दूसरे को रंग, अबीर लगाने का होता है । जिसे हम धुरेडी़ एबं धूल बंदन कहतें हैं । इस दिन सुबह होने पर हर समाज के लोग एकत्र होकर विभिन्न वाद्ययंत्रों के साथ फाग गीत गातें हैं, और  भस्म को माथे पर लगाया जाता है । अपने -अपने रिश्तों दारों से मिलकर रंग, अबीर से स्वागत करतें हैं । इस दिन  रंग, अबीर  पिचकारी  से बाजार सज जाता है । Essay on holi in hindi. 

ईर्ष्या द्वेष का अंत - इस दिन लोग अपने- अपने ईर्ष्या, द्वेश को भुलाकर प्रेम पूर्वक गले मिलतें हैं तथा एक दूसरे को रंग गुलाल से स्वागत करतें हैं इस दिन जगह- जगह पर टोलियाँ बनाकर फाग गीत गातें है और एक दूसरे को रंग, अबीर लगाकर नाचते गातें दिखाई देतें हैं ।

होली का त्योहार एक मनोरंजन - इस दिन गाँव घर के सभी बच्चें अपने पिचकारी में रंग भरकर एक दूसरे के ऊपर डाल कर मनोरंजन करतें हैं तथा सारा समाज होली के रंग में  रंँगा रहता है । और  रंग खेलने के बाद दोपहर साफ सफाई एबं स्नान करके साफ - स्वच्छ  कपडा़ पहन कर एक दूसरे से मिलने की भी प्रथा है । इस दिन प्रीति भोज एबं नाच गाने का भी आयोजन किया जाता है ।

खाद्य सामग्री की व्यवस्था - होली के दिन हर घर में बहुत से खीर, पूडी़ एबं कई प्रकार के पकवान बनायें जातें हैं जिसमें गुझिया बहुत ही महत्वपूर्ण ब्यंजन है । इसके आलावा भांग की ठंडाई की भी व्यवस्था की जाती है और एक दूसरे व्यवहार के रूप में पीते और पिलातें हैं । Essay on holi in hindi. 

होली पर्व से लाभ - होली के पर्व पर सभी ईर्षा, द्वेश खत्म हो कर  प्रेम, व्योहार, भाईचारा, सौहार्द्र स्थापित  करतें है और नये रिश्ते भी स्थापित  करतें हैं! 

होली पर्व से हानि - होली के पर्व पर कुछ युवा एबं उपद्रवी गांजा, शराब पीकर गाली गलौज बकतें हैं और एक दूसरे के ऊपर कीचड़, गोबर डाल देते हैं जिससे लडाई का जन्म होता इतना तक नहीं बल्कि यह मामला पुलिस तक पहुँच जाता है और मुकदमा भी कायम हो जाता है ।

उपसंहार - हम सभी समाज के लोग होली का त्योहार बडे़ हर्ष एबं उल्लास के साथ मनातें हैं और आपस में भाईचारा प्नेम व्यवहार को बढा़वा देतें हैं तथा समस्त ईर्षा, द्वेश से परे होकर अच्छा संबंध स्थापित करतें हैं, प्रीति भोज एबं सांस्कृतिक कार्यक्रम को बढावा देतें हैं यह त्योहार हमारे भारत वर्ष में हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है ।। अमरनाथ सोनी 'अमर' ।।

होली किन किन देशो में मनाई जाती है ? 

होली को हिंदुओ का त्यौहार माना जाता है यही कारण है कि हिन्दू धर्म के लोग इसे बड़ी धूमधाम से मनाते हैं । मगर इस त्यौहार पर किया जाने वाली मौज मस्ती एवं मनोरंजन के कारण दुनिया के कई देश इसका लुफ्त उठाने के उद्देश्य से मनाते हैं । यही कारण है कि होली का त्योहार भारत के अलावा अन्य देशो में भी मनाया जाता है जो इस प्रकार से -

नेपाल - होली का त्यौहार भारत का पड़ोसी देश नेपाल में भी धूमधाम से मनाया जाता है । होली के दिन नेपाल की राजधानी काठमांडू में सभी लोग एकत्रित होकर एक दूसरे को रंगों से रँगते है ।

मॉरीशस - यह एक हिन्दू राष्ट्र है जहां पर विभिन्न धर्मों के धर्मावलंबियों के होते हुए भी होली को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं । 

पाकिस्तान - यह एक मुस्लिम राष्ट्र होते हुए भी हिन्दू धर्म के लोग अपने उत्सव को मनाते हैं ।

इंग्लैंड - इस देश के लोग अप्रवासी भारतीयों के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं । इसके अलावा यूरोप, कनाड़ा, दुबई, अमेरिका, जर्मनी एवं दक्षिणी अफ्रीका में भारतीय अप्रवासियों के साथ मिलकर होली की खुशियां मनाते हैं ।

Essay on holi in 10 line in hindi.


होली पर निबन्ध 10 लाइन हिंदी में । essay on holi in 10 line in hindi.

1. होली हिन्दुओ का प्रमुख त्यौहारो में से एक है। इसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है ।
2. होली हिंदी महीनों के अनुसार प्रति वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। जो अंग्रेजी महीनों के अनुसार फरवरी/ मार्च का महीना होता है ।
3. होली मनाने के पीछे कई मान्यता जुड़ी है मगर राजा हिरण्यकश्यप एवं प्रहलाद की पौराणिक कथा को मुख्य माना जाता है । 
4. होली मुख्य रूप से 2 दिवसीय पर्व होता है जिसमें पहला दिन होलिका दहन एवं अगली सुबह धुलण्डी के रूप में मनाया जाता है । 
5. होली की संध्या पर होलिका दहन करके अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक माना जाता है । 
6. होली के दूसरे दिन सभी लोग एक दूसरे से ईष्या भूलकर गले मिलते है और एक दूसरे को रंगों से रंगते है ।
7. होली के दिन हर घर में कई तरह के व्यजंन बनाते हैं एवं घरों की साफ सफाई करते है । नए कपड़े पहनते हैं । 
8. भारत में अलग अलग प्रांतों में अलग अलग तरीके से होली मनाई जाती है । बरसाना की लठमार होली एवं बज्र की होली बहुत प्रसिद्ध हैं ।
9. होली पर ढोल नगाड़ों बजाकर गीत गाए जाते है जिसे फ़ाग गीत कहा जाता है । ग्रामीण इलाकों में यह फ़ाग गीत 15 दिन पहले से गाना शुरू कर देते हैं ।
10. होली भारत के अलावा विदेशो में भी मनाई जाती है जैसे बांग्लादेश, श्रीलंका, मॉरीशस, नार्वे एवं स्वीडन में धूमधाम से मनाई जाती है ।
11. हिन्दू परंपरा के  अनुसार होली  का महत्व है । बच्चे - बूढ़े सब मिलकर इस त्यौहार का आनंद लेते है । LR.

होली पर निबंध 400 शब्दों में । essay on holi 400 words in hindi.

ऋतुओं में वसंत का, फूलों में गुलाब का, रस में श्रृंगार का जो स्थान है, वही स्थान हिंदुओं के त्योहारों में होली का है। दीपावली में बच्चे दीप जलाकर तथा पटाखे छोड़कर आनंदित होते हैं। दुर्गा पूजा में बुजुर्ग मां दुर्गा का ध्यान कर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करते, तो होली में जवान लोग अपनी सांसारिक चिंताओं को भूलकर बसंत की बहार में अलमस्त हो जाते हैं। सारांश यह है कि दीपावली बचपन, दुर्गा पूजा बुढ़ापे का और होली अलमस्त जवानी का प्रतीक पर्व है।

होली से अनेक पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई है, जिनमें प्रह्लाद और होलिका की कथा सबसे प्रमुख है। हिरण्यकश्यप नाम का एक दुष्ट राजा था। वह ईश्वर भक्तों से द्वेष रखता था। उसने अपने राज्य में मुनादी करवा दी थी कि सभी नारायण के स्थान पर मेरी पूजा करें। पर उसी का पुत्र प्रहलाद नारायण का भक्त निकला। प्रहलाद नारायण को भजना छोड़ दे, इसके लिए हिरण्यकश्यप ने अनेक उपाय किए। भक्त प्रह्लाद को मार डालने के लिए कई षड्यंत्र रचे। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका थी। उसके पास एक चादर थी, जिस पर आग का प्रभाव नहीं पड़ता था। 

हिरण्यकश्यप ने निर्देशानुसार होलिका प्रहलाद को लेकर आग में जा बैठी। लेकिन भगवत कृपा से परिणाम उल्टा हुआ। होलिका जल गई और प्रह्लाद बच गया। होलिका के जल मरने और प्रह्लाद की जान बच जाने की खुशी में यह त्यौहार मनाया जाता है। इसी दिन भगवान कृष्ण ने पूतना नामक राक्षसी का संहार किया था। मगर मेरी समझ में लोग होली का त्यौहार वसंतोत्सव का या नए संवत के प्रारंभ की खुशी में मनाते हैं। 

यह त्योहार फाल्गुन पूर्णिमा को मनाया जाता है। पूर्णिमा से एक महा पूर्व से ही लोग गांव के बाहर एक निश्चित एवं सुनसान स्थान पर जलावन इकट्ठा करते हैं। उस जलावन की ढेर को पूतना या होलिका का प्रतीक मानकर फाल्गुन पूर्णिमा की रात्रि को उसे जलाया जाता है। सभी के घर इस दिन अच्छे-अच्छे पकवान बनाए जाते हैं। यदि किसी से कोई मनमुटाव हो तो, उसे धो डालने का यह बड़ा ही अच्छा मौका है। 

होली के अवसर पर गाए जाने वाले विशेष गीत होते हैं, जीने लोग डफली, झाल आदि बजा बजाकर गाते हैं। कुछ लोग इस सुखद पर्व को हंगामे और फुहड़पन में बदल देते है। रंग अबीर एक दूसरे को प्रसन्न करने के लिए डालना चाहिए ना कि परेशान करने के लिए। कहीं कहीं तो कहीं कहीं तो यह सांप्रदायिक दंगों का भी रूप ले लेता है। 

होली के दिन अत्याधिक नशे का सेवन कर अश्लील हरकते नहीं करनी चाहिए। यह निंदनीय है। नए संवत के आरंभ के दिन हमें खुशियां बांटने चाहिए न की अश्लील हरकतें करनी चाहिए। होली त्यौहार का सूक्ष्म भाव है कि अपने क्रोध, ईर्ष्या एवं वैर-भाव को होलिका की अग्नि में जला डालना चाहिए। उन दुर्गुणों के जल जाने के उपरांत ही हमारे जीवन में आनंद एवं खुशी के रंग चढ़ सकेंगे।। बलबीर सिंह ढाका रोहतक हरियाणा ।।

तो मित्रों उम्मीद करते है आज का लेख Essay on holi in hindi. आपको पसंद आया होगा । आप अपने विचार कमेंट बॉक्स में लिखे ।


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