महात्मा गांधी का जीवन परिचय । Mahatma Gandhi biography in hindi.
Mahatma Gandhi biography in hindi. भारतीय इतिहास में राष्ट्रपिता की उपाधि लिए काठियावाड़ के पोरबन्दर नाम नामक स्थान पर जन्मे मोहनदास करमचंद गांधी अहिंसा के पुजारी थे । जो इतिहास में गांधी जी के नाम से प्रसिद्ध हुए । 1887 ईसवी में बैरिस्टर बन कर वापस आए एक मुकदमे के चलते गांधी जी नें रंगभेद के खिलाफ लड़ाई जारी रखी 1915 ई में गांधी जी भारत वापस आ गए I भारत आकर उन्होंने अनेक आंदोलनों में भाग लिया ।
Mahatma Gandhi ने हिंद स्वराज नामक पुस्तक लिखी । जिसमें समाज के लिए उत्तम जीवन जीने की प्रेरणा का उल्लेख किया गया है । गांधीजी की सतत प्रयासों के परिणाम स्वरुप देश में 1947 ईस्वी में आजादी प्राप्त हुई । उन्होंने अपने जीवन काल मे देश की आजादी के लिए अनेको आंदोलन किए । इतना ही कई बार जेल भी गये ।
सादे विचार एवं कपड़ो में सजे महात्मा गांधी ने देश की आजादी के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है । उन्होंने बिना किसी हिंसा से आजादी दिलाने का सफल प्रयास किया । तो चलिए जानते है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन परिचय । Mahatma Gandhi biography in hindi. -
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महात्मा गांधी जी का जीवन परिचय । Mahatma Gandhi biography in hindi.
गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को काठियावाड़ के पोरबन्दर नाम नामक स्थान पर जन्म हुआ । गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था । उनके पिता का नाम करमचन्द था । गांधी जी की माँ अत्यधिक धार्मिक थी । उनकी दिनचर्या घर और मंदिर में बटी हुई थी । उनकी माँ का नाम पुतलीबाई था । वह नियमित रूप से उपवास रखती थी । और परिवार में किसी के बीमार पड़ने पर पूरे मन से सेवा मे दिन - रात एक कर देती थी । मोहनदास का लालन-पालन वैष्णव मत में रमें परिवार में हुआ था । और उन पर कठिन नीतियों वाले जैन धर्म का गहरा प्रभाव पड़ा । जिसके प्रमुख सिद्धांत अहिंसा एवं विश्व की सभी वस्तुओं को अपना मानना था । इस प्रकार उन्होंने स्वभाविक रूप से अहिंसा शाकाहार, आत्म शुद्धि, के लिए उपहार और विभिन्न पथो को मानने वालों के बीच परंपरा को अपनाया ।
महात्मा गांधी जी का प्रारम्भिक जीवन । Mahatma Gandhi earlier life -
मोहनदास एक औसत विद्यार्थी थे हालांकि इन्होंने यदा-कदा पर परस्कार और छात्रवृत्तियाँ भी जीती । वह पढ़ाई भी खेल दोनों में ही तेज नहीं थे विमान पिता की सेवा करना घरेलू कामों में मां का हाथ बटाना और समय मिलने पर दूर तक अकेले सैर पर निकलना इन्हें पसंद था । इन्हीं के शब्दों में बड़ों की आज्ञा का पालन करना सीखो उनमें मोनमेख निकालना नहीं ।
इनकी किशोरावस्था में हमउम्र के वर्ग के अधिकांश बच्चों से अधिक हलचल भरी नहीं थी । हर ऐसी नादानी के बाद वह स्वयं से वादा करते, फिर कभी ऐसा नहीं करूंगा और अपने वादों पर अटल रहते । उन्होंने सच्चाई और बलिदान के प्रतीक पहलाद और हरिश्चंद्र जैसे वर्णन एक हिंदू नायकों को सजीव आदर्श के रूप में अपनाया । गांधी जी जब विद्यार्थी थे, स्कूल में पढ़ते थे । उसी दिनों में 13 वर्ष की आयु में पोरबन्दर के एक व्यापारी की पुत्री कस्तूरबा से उनका विवाह कर दिया गया ।
महात्मा गाँधी जी की पत्नी का क्या नाम था ?
गाँधी जी का विवाह मात्रा 13 वर्ष की उम्र में सन् 1883 में कस्तूरबा से हुई । Mahatma gandhi ने इनका नाम छोटा करके कस्तूरबा रख दिया और बाद उन्हें प्यार से लोग ‘बा’ कहने लगे । गांधी जी ससुर यानी कस्तूरबा के पिता एक धनी व्यवसायी थे । अनपढ़ कस्तूरबा को विवाह के उपरांत गाँधीजी ने लिखना- पढ़ना सिखाया । कस्तूरबा गाँधी एक आदर्श पत्नी के रूप में अपने पति ( गाँधी जी ) के प्रत्येक कार्य में साथ दिया । वर्ष 1885 में गाँधी जी ने संतान के रूप में रत्न को जन्म लिया, परन्तु कुछ समय पश्चात उनकी मौत हो गई और इसी वर्ष इनके पिताजी का भी निधन हो गया ।
गांधी जी ने देश के लिए क्या किया । Gandhi ji ne desh ke liye kya kiya ?
1887 में मोहनदास ने जैसे-तैसे मुंबई यूनिवर्सिटी की मैट्रिक की परीक्षा पास की और भगवान नगर स्थित आम चलन कॉलेज में दाखिला लिया अचानक गुजराती से अंग्रेजी भाषा में जाने से उन्हें निराश थानों को समझने में कुछ दिक्कत होने लगी । इस बीच उनके परिवार में उनके भविष्य को लेकर चर्चा चल रही थी । अगर निर्णय उन पर छोड़ दिया जाता । तो वह डॉक्टर बनना चाहते थे । लेकिन वैष्णव परिवार में चीर - फाड़ की इजाजत नहीं थी । साथ ही यह भी स्पष्ट था कि 1906 में टांसवाल सरकार ने दक्षिण अफ्रीका में विशेष रूप से इंडियन के पंजीकरण के लिए अपमानित एक अध्यादेश जारी किया ।
1906 में भारतीयों ने जोहेन्सबर्ग ( दक्षिण अफ्रीका ) में गांधीजी के नेतृत्व में एक जनसभा का आयोजन किया । इस आदेश के उल्लंघन तथा उनके परिणाम स्वरुप दंड भुगतान की शपथ ली । इस प्रकार सत्याग्रह का जन्म हुआ, जो वेदना पहुंचाने के बजाय उन्हें झेलने विद्रोही प्रतिरोध करने और बिना हिंसा किए उनसे लड़ने की नई तकनीक थी ।
इसके बाद दक्षिण अफ्रीका में 7 वर्ष से अधिक समय तक संघर्ष चला इसमें उतार-चढ़ाव आते रहे लेकिन गांधी के नेतृत्व में भारतीय अल्पसंख्यकों के छोटे से समुदाय ने अपने स्वाभिमान को चोट पहुंचाने वाले इस कानून के सामने झुकने के बजाय अपनी आजीविका तथा स्वतंत्रता की बलि चढ़ना ज्यादा पसंद किया ।
गांधी जी का भारत आवागमन । Gandhi ji Bharat kab aaye the.
Mahatma Gandhi जब सन 1914 में भारत आए तो सभी भारतीयों ने उनका भव्य - स्वागत किया, और इन्हें महात्मा पुकारना शुरू कर दिया । उन्होंने अगले 4 वर्ष भारतीय स्थिति का अध्ययन करने तथा उन लोगों को तैयार करने में बताएं । जो सत्याग्रह के द्वारा भारत में प्रचलित सामाजिक व राजनीतिक बुराइयों को हटाने में उनका साथ दे सकें ।
मोहनदास करमचंद गांधी भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनीतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे । राजनैतिक और सामाजिक प्रगति की प्राप्ति हेतु अपने अहिंसक विरोध के सिद्धांत के लिए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की थी ।
महात्मा गांधी के पूर्व भी शांति और अहिंसा के बारे में लोग जानते थे । परंतु उन्होंने जिस प्रकार सत्याग्रह शांति और अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए । अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर विवश कर दिया । ऐसा कोई दूसरा उदाहरण विश्व इतिहास में देखने को नहीं मिलता । तभी तो संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी वर्ष 2007 से गांधी जी जन्मदिन ( Gandhi Jayanti ) के दिन विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की है ।
भारत की आजादी के लिए गांधी के योगदान । Gandhiji ka Aazadi ke liye yogdaan. -
1. भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का कितने चरण गांधी युग के नाम से जाना जाता है । (1919 से लेकर 1947 )
2. महात्मा गांधी 1883 इसी में एक गुजराती व्यापारी दादा अब्दुल का मुकदमा लड़ने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए थे ।
3. महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका में 21 वर्ष तक रहे ।
4. भारत में 1917 और 18 में गांधीजी ने चंपारण किसान, आंदोलन खेड़ा, किसान आंदोलन तथा अहमदाबाद मजदूर आंदोलन का सफल नेतृत्व किया ।
5. महात्मा गांधी के कहने पर 6 अप्रैल 1919 ईस्वी को देशभर में हड़ताल का आयोजन हुआ ।
6. 9 अप्रैल 1919 को गांधी जी को दिल्ली में प्रवेश करने के साथ ही गिरफ्तार कर लिया गया ।
7. गांधीजी ने 1916 ईस्वी में अहमदाबाद में साबरमती आश्रम की स्थापना की ।
8. खिलाफत आंदोलन 1919 - 1921 - खिलाफत आंदोलन शौकत अली तथा मोहम्मद अली ने 1919 में शुरू किया था यह तुर्की खिलाफ तुर्की के खिलाफ का अंग्रेजों द्वारा अपमान किए जाने के कारण हुआ । इस आंदोलन को महात्मा गांधी का समर्थन भी प्राप्त था ।
गांधी जी के प्रमुख आंदोलन । Mahatma gandhi movement. -
भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए Mahatma Gandhi द्वारा चलाए जाने वाले महत्वपूर्ण आंदोलन जिसमे गांधी जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । या यूं कहें कि गांधी जी इन आंदोलनों के जनक थे । इन आंदोलनों की बदौलत भारत से अंग्रेजों को भगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । तो चलिए जानते है इन आंदोलनों के बारे में -
- चम्पारण सत्याग्रह – 1917
- खेड़ा सत्याग्रह – 1918
- अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन – 1918
- खिलाफत आन्दोलन – 1920
- असहयोग आंदोलन – 1920
- सविनय अवज्ञा आंदोलन – 1930
- भारत छोड़ो आंदोलन – 1942 ।
महात्मा गांधी की हत्या कब और किसने की ?
विश्व पटल पर Mahatma Gandhi केवल एक नाम नहीं बल्कि शांति और अहिंसा का प्रतीक माना गया है । ऐसे महान व्यक्तित्व के धनी महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली के बेलवा भवन में नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी । इनके बाद नाथूराम गोडसे को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया ।
हत्या के पीछे कारणों पर संचय बना हुआ है । पुलिस की पूछताछ एवं कोर्ट में दिए बयानों में नाथूराम गोडसे ने किसी तरह की दुश्मनी नहीं बताई । ऐसे में यही कहा जाता है कि राजनीतिक कारण हो सकता है । नाथूराम गोडसे ने बताया कि वह गांधीवादी विचारधारा से वह बहुत प्रभावित था मगर उन्होंने जब मुस्लिम समुदाय के प्रति उन्होंने उपहास किया तो उसे बहुत बुरा लगा ।
गांधी जयंती पर 10 लाइन । 10 line on Gandhi Jayanti. -
1. Gandhi Jayanti प्रति वर्ष 2 अक्टूबर के दिन महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर मनाई जाती है ।
2. गांधी जयंती के दिन को सयुक्त राष्ट्र संघ ने अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया ।
3. हमारे देश में 2 अक्टूबर के दिन को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।
4. यह दिन गांधीवादी विचारों का प्रसार प्रचार करने का सबसे अच्छा दिन है ।
5. 2 अक्टूबर के दिन हमे गाँधी के विचारों एवं आदर्शों की याद दिलाते हैं ।
6. गांधीजी सादे व सरल व्यक्तित्व के धनी थे वे हमेशा अहिंसा एवं सत्य की राह पर चलना सिखाते थें।
7. गांधी जी के अनुसार सभ्य समाज के लिए स्वच्छ वातावरण भी बहुत जरुरी है।
8. वे शांति व अहिंसा के अग्रदूत माने जाते थे । उन्होंने हिन्द स्वराज नामक पुस्तक का लेखन किया ।
9. गांधी जयंती महात्मा गांधी को याद करने एवं सम्मान देने का अच्छा अवसर है । इस दिन स्कूलों को छोड़कर सभी आधिकारिक कार्योलयों में अवकाश किया जाता है ।
10. इस दिन विद्यालयों में प्रार्थना सभा एवं अन्य प्रतियोगिताओ का आयोजन किया जाता है ।
तो मित्रो उम्मीद है कि आज का लेख Mahatma Gandhi biography in hindi. आपको जरूर अच्छा लगा होगा । कमेंट बॉक्स में हे राम जरूर लिखे ।। नैना सोढ़ी ।।